कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते...
होंठो से लगाकर तूने, दिल को एक नये नशे की तलब लगा दी।
लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो के दोस्त दिल पर सवार हो जाए
जिस क़दर उसकी क़दर की हमनें !!
लोग हमें समजते कम हे और समजाते ज्यादा हे...
गलत बन्दे से प्यार कर रही है वो..
खुद के लिए कभी कुछ माँगा नहीं,
पानी मेँ पत्थर मत झेको उस पानी कोभी कोई पीता है॥
जिस क़दर उसकी क़दर की हमनें !!
जहां तक रिश्तों का सवाल है.....लोगो का आधा वक़्त....
जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं,