सुविचार

पर मुँह से एक शब्द भी नहीं निकाला।

सहती रहो  माँ ने कहा था। सहती जाओगी तो धरती कहलाओगी दादी ने कहा। फिर वो भी  कभी बही सरिता बन कभी पहाड़ हो गई  कभी किसी अंकुर की …

बुरे लोग मुश्किलों में साथ देने की महँगी कीमत वसूलते हैं.

बुरा समय बीत जाता है लेकिन, बुरे लोग मुश्किलों में साथ देने की महँगी कीमत वसूलते हैं.  इसलिए हमें खुद को इतना सक्षम बनाना चाहिए …

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मन में जो हैं साफ-साफ कह देना चाहिए Q कि  सच बोलने से फैसलें होते हैं और झूठ बोलने से फासलें

और कितना वक़्त लगेगा.....!!

इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर,,,,, अपने लोग ही पुछ्ते हैं.. और कितना वक़्त लगेगा.....!!

यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो

यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा ‘आप’ शब्द का,,,,, उसके बाद ‘हम’ शब्द का और सबसे कम ‘मैं’ शब्द का उपयोग करना चाहिए…

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That is All