bewafa

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना,,,,,मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो....।

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना, मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो। http://www.fa…

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो,,,, जीनी है जिंदगी को तो आगे देखो .....

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी को तो आगे देखो ..... जीवन में दो चीजों का कभी अंत नहीं होता , भगवान की क…

कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है एक मैं.. मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास..

हमारा दर्द फैला पडा था कागज पर जो समझा रो दिया जो न समझा मुस्कुरा दिया… मुझे गरीब समझ कर महफिल से निकाल दिया”…… ”क्…

मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ,,,,,,

कुछ  लोगो को लगता है उनकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती ,,,,  मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ उनको अपनी नज़रों से गिरते हुए...!!

सजा तो मिलनी ही थी..

वृद्धाश्रम में मां बाप को छोड़कर  वो पलटा ही था की.... बाप ने आवाज़ देकर बताया बेटा अपने मन में किसी प्रकार का  बोझ मत रखना तुझे…

कभी-कभी लगता है.....

कभी लगता है मैं उसकी रूह में शामिल हूँ,, कभी लगता है वो मेरा जरा सा भी नहीं..!!

हमने उन्हे खँजर थमा दिया....!!

वफा कुछ इस तरह निभाया उन्होंने कत्ल करने कि सोचते थे  वो ,,,,, और  मेरी मोहब्बत की इन्तहा तो देखो हमने  उन्हे खँजर थमा दिया....!…

सब कुछ लुटा दिया है....

सब कुछ लुटा दिया  है  तेरी "मुहब्बत" मेँ  फिर भी ,,,,, कमबख्त आंसु ही ऐसे हैँ  की  जो  खत्म  नहीँ होते...!!

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