जो तन्हा बैठोगे तो मेरी याद तुम्हें पल पल सताएगी;
भूलना जो चाहोगी चाह कर भी तुम भूला ना पाओगी.
कसक उठेगी तेरे दिल में पल पल ढूंढेगी मेरी अक्स हर शक्स में;
फिर हम जैसा कहां से लाओगे भूलना जो चाहोगी भुला ना पाओगी.
तुम चाह कर भी किसी गैर को यू ही अपना बना ना पाओगे;
तन्हाई में मेरी बात को गुनगुनाओगे तुम मुझे भूला ना पाओगे.