GERABARI WEATHER

ना चाहिए मुझको सिक्के ना चाहिए मुझको रोटी.

ना चाहिए मुझको सिक्के
ना चाहिए मुझको रोटी
दे दो मुझको किताबे ओ साहिब
मै भी पढुगा खूब किताबे
फिर बन जाऊंगा ईतना काबिल
ऐसा देश बनाऊंगा साहिब
जहाँ भीख नही मांगेंगे बच्चे
विद्या उनको ईतनी मिलेगी

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